वो मुझे देख आखो से तीर चलाये क्यू थे तुम्हे तो इश्क़ नही था फिर हर बार शरमाये क्यों थे. बीच राहों में तुम मेरे खड़े क्यू थे तुम्हे इश्क नही था तो राहों में फूल बिछाए क्यू थे अब तुम कहते हो इश्क़ नही है मुझे तुमसे फिर वो झूठे ख्वाब दिखाए क्यू थे इस कदर जलील करना था तो बाजार में फूल ख़रीदे क्यू थे फूल तुम खरीद भी लो तो वो फुल मुझे देने के इशारे किये क्यू थे.. तुम्हे इश्क़ नही था तो इश्क़ के जाल बिछाए क्यू थे.!! @Suresh._.Daiya.ink