सहेली ने मेरी वाली के हाथ पर मेरे नाम की मेहंदी रची थी होनी चाहिए गहरी मेहंदी ऐसी शर्त उसने रखी थी पूरी रात में सो न पाया गहरी मेहंदी की सोच में! खुश हुआ में तब जब वो गहरी मेहंदी देख उछल जो पड़ी थी ©Parth kapadiya #parthkapadiya #poeticinsan #ishqkidhara #Dhara #Love #Prem #aashiqui #Pyar #ishq #Dil बादल सिंह 'कलमगार' Ramesh (rs) राजस्थानी.... शायरी लव