निकल पड़े थे हम भी मंजिल की तालश में आंखो पे पट्टी बांधे, वक़्त गुजरता गया, ठोकरें लगती गई, पट्टी खुलती गई, रास्ते बनते गए, हम चलते गए ...... #रास्ते #ठोकरें #मंजिल #वक़्त #सीख #yqdidi #yqhindi #yqmotivation