अक्सर ज़िन्दगी मुझसे पूंछ लेती है कि मैं क्यों हारता नहीं, जज़्बात अपने दबा देता हूं ख्वाहिशें उसकी मैं मारता नहीं। © अमर संदीप #NojotoQuote #अक्सर_ज़िन्दगी