Nojoto: Largest Storytelling Platform

यूं तो सब मुझको आवारा कहते हैं, जालिम वो भी अब किन

यूं तो सब मुझको आवारा कहते हैं, जालिम वो भी अब किनारा करते हैं।
जिनका ना इक पल भि कभी कटता करता था।
वो भी अब नजरे चुराया करते हैं।।
बिखरे दर्पण में एक ही चेहरा, हजारों दिखता है।
आंखों से समन्दर छूटता है,जब कभी इश्क़ में दिल टूटता है।।
    :- सुजीत कुमार मिश्रा, प्रयागराज। #दिल_का_दर्द #सुजीत_कुमार_मिश्रा
यूं तो सब मुझको आवारा कहते हैं, जालिम वो भी अब किनारा करते हैं।
जिनका ना इक पल भि कभी कटता करता था।
वो भी अब नजरे चुराया करते हैं।।
बिखरे दर्पण में एक ही चेहरा, हजारों दिखता है।
आंखों से समन्दर छूटता है,जब कभी इश्क़ में दिल टूटता है।।
    :- सुजीत कुमार मिश्रा, प्रयागराज। #दिल_का_दर्द #सुजीत_कुमार_मिश्रा