हां मैं पुरुषवादी हूं! पहन चोला महिला सम्मान का शोषण करने का आदी हूं! हां में पुरुषवादी हूं! लिए तमूरा गाता हूं बहू बेटी के सम्मान का पाठ पढ़ाता हूं! शाम को घर जाने से पहले सिद्धांत चौखट पर धर देता हूं! नहीं दशानन मेरे फिर भी सीता हर लेता हूँ! कहो कसूर क्या है मेरा पापा भी तो ऐसे हैं दादा भी तो ऐसे थे ! चाचा, ताऊ, भाई-भतीजे आशारम के हाथों में कंठीमाला जेसे थे! मेरा उनको अर्पण है! ये मेरा खुदको दर्पण है.! ©ekrajhu #कविता #ekrajhu #jajbaat_e_khwahish #bajm_e_raj #nojotahindi sunayana jasmine Jajbaat-e-Khwahish(जज्बात) Jyoti Duklan