मानव जीवन मानव जीवन के तीन चरण होते हैं धरती पर आने का चरण रहने का चरण और वापस जाने का चरण यह व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन दोनों के लिए सत्य है अब सरस्वत प्रश्न यह है कि हम कहां से आए हैं कहां जाएंगे और हमें क्या करना है जब हम आए हैं तो निश्चित रूप से एक निश्चित स्थान से आए हैं और इन तीनों चरणों को पूर्ण कर वापस इस स्थान के लिए पलायन करने गे ऊर्जा की तरह इस दुनिया में भी सब कुछ है निवासी है कहने का मतलब है कि अंत में कुछ भी नष्ट नहीं होता है जिसे विनाश के रूप में जाना जाता है वह कायापलट के अलावा और कुछ नहीं आता स्वरूप का परिवर्तन है जब 5 साल का छोटा बालक 25 साल का युवा बन जाता है तो आपको 5 साल का वह छोटा लड़का नहीं मिलेगा लेकिन क्या वह लड़का चला गया नहीं वह 25 साल के इस युवक में बदले हुए रूप में रहता है दरअसल यह मानव समाज पशु जगत पौधा का संसार सभी एक विशेष सूत्र से आते हैं वह सूत्र परम पुरुष या सर्वोच्च इकाई या परमात्मा है हम सभी उन्हीं की संतान है वह परम पुरुष ही सब को बनाता है अब रही से का दूसरा चरण है कि लोग कहां रहते हैं हमारे यहां पृथ्वी पूरे सौर मंडल सूर्य और इतने सारे ग्रहों द्वारा यह सौरमंडल उसे परम पुरुष की ही इकाई है उसने सबको आश्रम दिया है तो मनुष्य और अन्य सभी प्राणियों से परम पुरुष से ही आते हैं परम पुरुष में रहते हैं और अंत में इस दुनिया को छोड़ कर उसी में समा जाते हैं उस परम पुरुष यानी परमात्मा की इच्छा है कि इस संसार में आने के बाद हमें अपनी पूरी ताकत से दूसरों की मदद करने की कोशिश करनी चाहिए मानवता अधिकतम सहयोग के बल पर ही आगे बढ़ती है यदि आप विश्व बंधुत्व की भावना के साथ धार्मिकता के मार्ग पर चलते हैं तो फिर हर पल जीत आपकी होगी परमात्मा का आशीर्वाद आप पर सदा बना रहेगा ©Ek villain #manavgan #NojotoRamleela