ये अचानक से क्या हुआ, ये हर तरफ क्यूँ हुआ धुवां धुवां, हर तरफ अंधेरा सा क्यूँ है, ये हवा में विषेलापन सा क्यूँ है? ये सब क्या अचानक से हुआ है? नहीं, हमने वर्षों से की है इसकी तैयारी, कोई कसर नहीं छोड़ी है हमने, वातावरण को दुषित करने में बड़ी है भागीदारी, नियमों को रख दिया है ताक पे, और जोरों से निकालते है कारखानों से जहर सारी, कटी फसल को भी जी खोल कर जलाते, पेड़ पौधे काटते तो बेशुमार,पर क्यूँ हम नये उगाते, आज जब सांस लेने में भी हो रही है दिक्कत, हम इल्ज़ाम एक दुसरे पर लगाते, बच्चे,बुढे की तो छोड़ो,पशु पक्षी भी आज परेशान है, पर हमें क्या,हम तो तरक्की के तवे पर अपने रोटी सेकते। #प्रदुषण, #धुंवा_धुंवा, #वातावरण, #धुवां_दिल्ली