कहीं तेरे कदम बहक न जाए शाख से डालियां कही लचक न जाए हाय!!हाय!!!हाय!!!! कांच का जिस्म कही टुट न जाए ऐ हुस्न वाले तेरी कमर न बलखाए..!!!! ©Ramesh Chandra Anupam #जवानी_के_दिन