Nojoto: Largest Storytelling Platform

इक बार फिर परचम लहरा गया, जो मांगा था पा लिया। तिर

इक बार फिर परचम लहरा गया, जो मांगा था पा लिया। तिरंगा अपना सबसे ऊंचा लहरा गया, मन्नत को अपनी पा लिया। थे मेधावी हम शुरू से ही हार को अपनी जीत बनाते, मुकाम आज हमने पा लिया।

©Lovely Love
  #Champions