होते है अनेक होते है अनेक रंग मिट्टी के, तुमने कौन सा देखा बताओ तोह सही। क्या तुमने भी वही रंग देखा जो हम देख ना सके। सच्चाई लिए इन आंखो में झूठ का रंग हम देख ना सके।। दुनिया कहती रही वो झूठा है बहुत एक हम्ही थे जो इस मिट्टी पर ये रंग देख ना सके। देखा जो रंग हमने वो रंग प्रेम का निकला जिसे जीतेजी हम भुला ना सके।। और हा अनेक रंग है इस मिट्टी के ये हम देख ना सके, तुमने कौन सा देखा बताओ तोह सही।। बदन, रूह, इंसान = मिट्टी रंग = नकाब एक छोटी सी कोशिश #love #pyar #maut