ख्वाब देखना अगर सही है तो , उन्हें पूरा करने के लिये लड़ना गलत क्यूँ ? सपनों में उड़ान भरना अगर सही है तो , हक़ीक़त में पंख खोल उड़ जाना गलत क्यूँ ? क्यूँ रोकते हैं लोग मुझे उड़ने से, क्या मेरे पंखोँ में ताकत नहीँ । गर जो उन्हें ये लगता भी है तो सही ; आखिर हर किसी के समझ में ना आये तो मेरी चाहत तो गलत नहीँ । बस एक बार सुनना चाहती हूँ उन शाब्दों को जो मेरे हौसलों में उड़ने का जज्बा फिर से जगा दें । आखिर क्या माँगा ही मैने , अपने ख्वाबों की उड़ान मांगना भी गलत तो नहीँ। #सही#गलत#का#फर्क