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घोला है फ़िज़ा में सनम तुमने दरिया-ए-शराब महकता है

घोला है फ़िज़ा में सनम तुमने दरिया-ए-शराब
महकता है मेरा रेगज़ार-ए-बदन जैसे मय-ए-नाब
बहकता है जिस्म जब बजता है सदा-ए-रुबाब
इश्क का नूर दमकता है जैसे परतव-ए-आफ्ताब Hello Resties! ❤️ 

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घोला है फ़िज़ा में सनम तुमने दरिया-ए-शराब
महकता है मेरा रेगज़ार-ए-बदन जैसे मय-ए-नाब
बहकता है जिस्म जब बजता है सदा-ए-रुबाब
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