इश्क़ झूठा, एक दर्द है ये सच, हमें धोखा देकर चला जाता है अक्सर। पर फिर भी हम खो जाते हैं उसमें, इसे छोड़कर जीना हमें नहीं आता कहीं। जो था इश्क़, अब बस एक कल्पना है, हमारे दिल में ये दर्द हमेशा ज़िंदा है। कोई क्या जाने इस इश्क़ के अंदर, जो दिल का हाल बदल देता है अदा से नज़र। इश्क़ के झूठ में मत खो जाना, सच्चे प्यार को हमेशा साथ रखना। दिल से उठे हर एहसास को देखो, इस इश्क़ के झूठ में फिर कभी मत फसो। जिंदगी के साथ इसे सीख जाओ, इश्क़ के झूठे सपनों को तुम भूल जाओ। ©विवेक कुमार मौर्या (अज्ञात ) जागो रे रे........