गिरना भी बार बार आसान नही पत्थरों से टकराकर चोट पर चोट फिर से खाकर शुरू से चलना उसी राह पर आसान नही यू ही नही मिलती मंजिल कहते है पदचिह्न वो जो मुझे मिले हैं कई उस राह पर देखना बस इतना है कि मैं डर से डरता हूँ कब तक कब तक डराता हूँ खुद को और डर से लड़ता हूँ कब तक ✍️रिंकी #सिखादो #यकदीदी #यकबाबा #यकहिंदीकोट्स