नारे नाटक तख़्ती बैनर जमा बाग में बड़ा तमाशा आस्तीन के सर्प माँगते अधिकारों का दूध बताशा दशकों बाद सही फेंका दिल्ली ने भी अपना पासा राष्ट्रद्रोहियों को समझा दी राष्ट्रप्रेम की बोली भाषा #नारे नाटक तख़्ती बैनर जमा बाग में बड़ा तमाशा आस्तीन के सर्प माँगते अधिकारों का दूध बताशा दशकों बाद सही फेंका दिल्ली ने भी अपना पासा राष्ट्रद्रोहियों को समझा दी राष्ट्रप्रेम की बोली भाषा