ये पुस्तक मैं उन तमाम प्रेमियों को समर्पित करना चाहता हूं, जिन्होंने कभी सच्चे दिल से किसी से प्रेम किया हो।ये नज़्म उनके जीवन में नज़ीर पेश करे, ये मेरी कामना है। इस किताब की रचना में दो आत्मनिर्भर परियों का बहुत योगदान रहा है।पहली जिसने मुझे ठुकराया और दूसरी जिसने मुझे सम्हाला।पहली,जिसके प्रेम में मैं खुद को भूल बैठा,जिसने बिना तवज्जो दिए मुझे,मुझसे रूबरू कराया।जिसके प्रेम में, उसकी आंखों से नैन मटक्का खेलते हुए मैंने चंद दिनों में पूरी जिंदगी जी ली।दूसरी,जिसने मुझे भाई के रूप में अंगीकार किया। जिसने मुझे गिरने से बचाया।जिसने मेरे विगलित हृदय को मरहम लगाया। जिसने मुझे अवसाद में जाने से बचाया।जिसने मेरे धरातल छूते आत्मविश्वास और स्वाभिमान को शिखर तक पहुंचाया।मेरी साहित्यिक जिंदगी में दोनों का बराबर का योगदान है। एक सृजन में सहायक है दूसरी सृजन में प्रेरणास्रोत। मुझे उम्मीद है सुधिगण मेरी अशुद्धियों को माफ कर,भावनाओं का मूल्यांकन करेंगे।पाठकवृंद ख़ुद की ज़िन्दगी से नज्मों को जोड़ पाएंगे।इन नज़्मों के माध्यम से,मैं अपनी दोनों परियों को इस संसार में शब्दों के माध्यम से अमर कर देना चाहता हूं।प्रेम एक सार्वभौम सकारात्मक ऊर्जा स्रोत है,उम्मीद है आप इसका आनंद उठाएंगे। #first page of book