पिछले साल के ग़म तो भुला दिये जहाँ ने फिर किस उम्मीद पे सोचते हो लोग तुम्हें भी याद रखेंगे दुर रहा करो शहर की भीड़ से उजड़े हुये चमन क्या गुलों को आबाद रखेंगे 'दीप'..✍🏿शायर तेरा🌷 ©Dalip Kumar Deep 🧡🍁 उजड़े हुये चमन क्या गुलों को आबाद रखेंगे🌲🍁🌲🍂🍁, 😔😔 #Bheed