शीर्षक-सकारात्मक विचार मैं तो समझती हूँ सबकुछ और बुरे में भी कुछ न कुछ अच्छा ढूँढ ही लेती हूं पाबंदियों में खुश अपनी खुली हवा-सी बहती हूं बहुत सारे हैं सपने मेरे जिन्हें मुझे खुदसे ही करना है पूरा भी क्योंकि हालात-ए-वक्त नहीं हूं उतनी सक्षम पर सभी न सही पर कोई एक सपना तो मुझे पूरा ही करना है। ©ekta #positive #thinker #poem