कैसा आतंक है मेरे देश में, गुंडे बैठे हैं दाड़ी के भेष में, अमर रह जाती हैं सादगी डर के मारे जी रहा हैं आदमी कैसा आतंक.......... यहां पर कपड़ो में धर्म दिखाई देता हैं जाति में मजहब दिखाई देता हैं यहां पर दाड़ी में सादगी और मूछों में जाति दिखाई देता हैं कैसा आतंक.......... सफेद में नेता,काले में वकील दिखाई देता हैं भगवा में रक्षक तो हरे में भक्षक दिखाई देता है क्यों बांट रहे हो देश को रंग के आधार पर तिरंगे में भी तो हरा दिखाई देता हैं कैसा आतंक......... ©Bajarang ##गुंडा राज #jail