Nojoto: Largest Storytelling Platform

वेसे ये रेल की पटरिया पहुचती तो है तुम्हारे शहर तक

वेसे ये रेल की पटरिया पहुचती तो है तुम्हारे शहर तक, लेकिन तुमसे कभी मिलती नहीं।
ठीक वैसे ही जैसे, यहाँ खड़े होकर भी मैं इन्हें छूती नहीं।
ये जो रेलगाड़ी खड़ी हेना, 
उस पर पता तो तुम्हारे और मेरे शहर का ही लिखा है, बस बीच में कुछ और दो तीन शहरों के नाम हैं। 
हाँ! रुकेगी वहां भी, लेकिन फेर चलदेगी
तुम्हारे या मेरे शहर की ओर। 
सुकून है कुछ मिनट का लेकिन 
क्या हेना ज़रा जल्दी में है।

वेसे ये रेल की पटरिया पहुचती तो है तुम्हारे शहर तक, लेकिन तुमसे कभी मिलती नहीं। ठीक वैसे ही जैसे, यहाँ खड़े होकर भी मैं इन्हें छूती नहीं। ये जो रेलगाड़ी खड़ी हेना, उस पर पता तो तुम्हारे और मेरे शहर का ही लिखा है, बस बीच में कुछ और दो तीन शहरों के नाम हैं। हाँ! रुकेगी वहां भी, लेकिन फेर चलदेगी तुम्हारे या मेरे शहर की ओर। सुकून है कुछ मिनट का लेकिन क्या हेना ज़रा जल्दी में है। #Poetry #Travel #Love #Dreams #Journey #IndianRailways #poem #blurredinsights #Nojotovoice #hindipoetry #travethoughts #writeronwheels #stations #hopes #everyday #firstrecording

42 Views