जिनको भी उत्थान हमारा खलता है, देख हमारी ख़ुशी लोग जो जलते हैं । क्रोध नहीं है मुझको उन पर थोड़ा भी, नकारात्मक सोच में जन जो पलते हैं ।। मन में उनके लिये भी आदर भाव रखो, पीड़ा से हैं ग्रस्त दुःखों के मारे हैं । हित की आशा करो प्रेम के कन्द चखो, अलग नहीं प्रभु की ही तरह हमारे हैं ।। अन्य व्यक्ति हमारे साथ कैसा भी दुर्व्यवहार करें, हमें अपनी मानवीयता को ध्यान में रख कर, उनके हित का ही चिन्तन करना चाहिए.. #yqhindi #yqpoetry #relationships #समाज #मानवता #कलह #शांति #जीवन