क्यों ? थक गए हो क्या? सर पर बोझ और मन के खालीपन से भर गए हो क्या? तुम में तो था ,आसमां को छूने का हौसला पैरो के छालो को देखकर डर गए हो क्या? कमरे का वह कोना जब कागज पर लिखकर चिपकाया था अपना सपना अपने सपने के पीछे तुमने तो रातों से भी रारे ठानी किस्सा नही बनना है तुम्हें तुमको तो है, अपनी कहानी बनानी देख विपरीत परिणामों को तुम रुक गए हो क्या? बस अब मंजिल थोड़ी सी करीब है तुम थक गए हो क्या? तुम्हारे आंखों के नीचे आते काले घेरे तुम्हारी मेहनत के किस्से सुनाते हैं तुम्हारा यूं चुप रहना तुम्हारे अंदर के मचे उस शोर का आभास कराते हैं सुनो और उठो यह थक कर बैठने का समय नहीं तुम्हें एक और छलांग लगाना है जो रह गया किस्सा अधूरा उसे पूरी कहानी बनाना है खुद पर कर विश्वास तुम्हें इस आसमा को मुट्ठी में भर लाना है --- sneham ©@snehadixit #Life_experience #dreamgoal #studymotivation