#_हम_एकाकी_थे_____SJT कल भी हम एकाकी थे आज भी हम एकाकी हैं , बिछड़ गए जो बाकी थे बस कुछ ही अब बाकी हैं , दुनिया की इस भाग दौड़ में ठहर गए गहरे जल से , मयखानों में साक़ी थे अब घर घर में एक साक़ी हैं ,