ईर्ष्या.... कैंसर है मन का मन का कैंसर है ईर्ष्या... ईर्ष्या है मन का।कैंसर, ईर्ष्या के चेहरे भी हज़ार। कैंसर कोशिकाओं सी आतंकी, जाने कब कहां से घुस जाती है, मन में आ, कब बस जाती है। अदृश्य सी, अप्रत्याशित सी, सब हेर फेर करने में माहिर,