ओ रे बापू तू हार गया तेरा सत्याग्रह बेकार गया थी धन्य वो गोरी सरकारे जो बस आग्रह पर मान गयी अब सत्याग्रह पे जिरह नही गरीब को धरने की जगह नही अब लीला करने की कीमत अब 50 लाख के पार गयी अब असहयोग है बड़ा ही मुश्किल अपनी खादी भी नही रही घर की दाल बड़ी महंगी है चीनी मिट्टी से गृहथि बानी रही किस किसका परित्याग करू अपनी माटी अपनी रही नही ठेके पर चलती सरकारे सत्य में कोई रास नही सत्याग्रह मैं करू कहा से यहा सत्य सी कोई बात नहीं आज तलक जो सच्चा है वो पांच साल के बाद नहीं गांधी