सुना है धर्म के ठेकेदार झुक गए हैं, क्या यह बूढ़े कान सच सुन रहे हैं? हां मां सुना तो कुछ ऐसा ही है। लगता है हमारी अधूरी लड़ाई सही हाथों में है। तुम जैसी कुछ औरतों के पैर चूमने को जी करता है अगर तुम ना होती तो आज ऐसे मुकाम हासिल ना होते। #सबरीमाला #sabarimala दादी : सुना है धर्म के ठेकेदार झुक गए हैं, क्या यह बूढ़े कान सच सुन रहे हैं? मम्मी : हां मां सुना तो कुछ ऐसा ही है। लगता है हमारी अधूरी लड़ाई सही हाथों में है। बेटी : तुम जैसी कुछ औरतों के पैर चूमने को जी करता है अगर तुम ना होती तो आज ऐसे मुकाम हासिल ना होते।