कितना अजीब है ना ये इनसान, चलते चलते ऐसे मोड़ पर आ जाता हैं और रूक कर यह सोचता हैं कि, क्या ये सफ़र वोही था जो हमने चलने से पहले चुना था ? क्या वह यही था जो हम चाहते थे ? मिला तो बहुत कुछ है, लेकिन गिनती उसकी करता हैं जो मिला नहीं। सफ़र में खुशीयाॅ तो बहुत सी बटोर लेता है, मगर जब रास्ता चुनौती भरा होता है तो दुःखी हो जाता है। भुल जाता है कि वो साहस और निडरता से भरपूर है। कितना अजीब है ना ये इनसान, चलते चलते ऐसे मोड़ पर आ जाता हैं और रूक कर यह सोचता हैं कि, क्या ये सफ़र वोही था जो हमने चलने से पहले चुना था ? क्या वह यही था जो हम चाहते थे ? मिला तो बहुत कुछ है, लेकिन गिनती उसकी करता हैं जो मिला नहीं। सफ़र में खुशीयाॅ तो बहुत सी बटोर लेता है,