आज सुनाता हूँ मैं कविता ऐसे वीर बलिदानी की आज़ादी की खातिर, जिसने बलि दी भरी जवानी की घर- घर में आज़ादी की जिसने थी लो जलाई अंग्रेज़ों को यह कह कर जिसने ललकार लगाई के मेरा रंग दे बसंती चोला, माए ,रंग दे बसंती चोला मेरा रंग दे बसंती चोला माए, रंग दे बसंती चोला। ©Lalit Saxena मेरा रंग दे बसंती चोला #Independence