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खिलने के बाद हर चीज झुक जाती है यानी कि विनम्र

खिलने के बाद
 हर चीज झुक जाती है 
 यानी कि विनम्र हो जाती है
 फिर वो गुलाब का फूल हो 
,डाली हो या हो पत्तियां।
मुरझाने के बाद 
हर चीज बिखर जाती है 
चाहे वो गुलाब का फूल हो 
डाली हो या हो पत्तियां 
ओर एक अहम बात 
ठीक जिंदगी भी इसी तरह से है 
विनम्रता आने के बाद 
इंसान झुक जाता है 
और तकलीफ़ में 
आने के बाद मुरझा जाता है 
मुरझाने के बाद बिखर जाता है 
है ना ये अजीब दासता

©Dr Manju Juneja #गुलाब ##फूल #जिंदगी #बिखरना #झुकना #विनम्र #Poetry #मुरझाना #nojotopoetrywriter 

#Rose
खिलने के बाद
 हर चीज झुक जाती है 
 यानी कि विनम्र हो जाती है
 फिर वो गुलाब का फूल हो 
,डाली हो या हो पत्तियां।
मुरझाने के बाद 
हर चीज बिखर जाती है 
चाहे वो गुलाब का फूल हो 
डाली हो या हो पत्तियां 
ओर एक अहम बात 
ठीक जिंदगी भी इसी तरह से है 
विनम्रता आने के बाद 
इंसान झुक जाता है 
और तकलीफ़ में 
आने के बाद मुरझा जाता है 
मुरझाने के बाद बिखर जाता है 
है ना ये अजीब दासता

©Dr Manju Juneja #गुलाब ##फूल #जिंदगी #बिखरना #झुकना #विनम्र #Poetry #मुरझाना #nojotopoetrywriter 

#Rose