मेरी मोहब्बत का भरोसा रख सके, जो मेरी हर शायरी को शौक़ से सुन सकें, ख़ुदा ने ऐसा शौक़ -ए-मिज़ाज शख्श बनाया तो होगा ही, मैं देखूँ हर चाँद को हाथ को उसके हाथ में लेके, ख़ुदा ने ऐसा हाथ बनाया तो होगा ही, जिसे हर घड़ी मेरा इंतज़ार रहता हो, जिसके लबो पर मेरा ही नाम हो, जिसे मेरी फ़िक्र हो, ख़ुदा ने ऐसा फिक्रमंद शख्श बनाया तो होगा ही, जिसे मेरी गुफ़्तगू में दिलचस्पी हो और गुफ़्तगू देर तक हो, ख़ुदा ने ऐसा दिलचस्प शख्श बनाया तो होगा ही, कांरवा नही बस एक शख्श की आरज़ू हैं, जो मेरें दिल के ख्याल बिना कहें ही जान सकें ऐसे हमदम की ज़ुस्तज़ू हैं, ख़ुदा ने ऐसा हमनवां मेर लिए बनाया तो होगा ही, जो सिर्फ और सिर्फ मेरा हो, मेरे डायरी के ख्यालों सा, "ए ज़न्नत" ख़ुदा ने ऐसा इश्क़ मेरे लिये बनाया तो होगा ही😊😊 एक ख़्वाब ऐसा भी☺️☺️