ज़िन्दगी की राहों में कभी हस्ती हमारी भी यु मुस्कुराया करती थी बेवज़ह चहरे पर मुस्कुराहट हमारे भी रहा करती थी उम्र के साथ ज़िंदगी ने जाने कैसी करवट ली अब तो लाख वजह होने पर भी मुस्कुराहट हमारी फीकी ही लगती है चाहत है फिर लौट आये वो पल पर शायद मैं गलत हूं जो चला गया वो लौट कर नही आता इसी का नाम ज़िंदगी है शायद #ज़िंदगी #ज़िंदगी#दोस्ती#राहे#हिंदीनोजोतो