सुन आदम, ओ रे आदम;आदम की, औलाद तू तू जो सोचे, तो तू मिट्टी; जो सोचे तो, फौलाद तू है दुनिया ये, अंश-विष्णु; विष्णु इसका, रखवाला तू जो कोसे, तो तू रावण, जो पूजे तो, प्रहलाद तू इंसान से, इंसानियत है; है इंसान से, हैवानियत तू जो चाहे, तो तू ब्राह्मण; जो चाहे तो, जल्लाद तू है आत्मा तो, बुद्ध जीवी; मरके भी मरती नहीं तू जो देखे, तो तू जीवित; जो देखे तो, नाशाद तू अच्छा हुआ खो दिया, जिसे पाके, दिल था रो दिया तू जो माने, तो तू जीता; जो माने, तो बरबाद तू जीवन मृत्यु, मृत्यु जीवन; एक सिक्के के, दो पहलू हैं तू जो चाहे तो, अनुवाद बन; जो चाहे तो, अपवाद तू माँ शब्द में, वो ममता है; विधाता, जिसमे रमता है जो तू पलता तो तू बेटा है; जो पाले तो, दामाद तू ये सलाखें तो बेकसूर हैं; देख कोसों तुझसे दूर हैं जो 'मन माने' तो तू बंदी है, जो 'मन ठाने' तो आज़ाद तू सुन आदम, ओ रे आदम;आदम की, औलाद तू तू जो सोचे, तो तू मिट्टी; जो सोचे तो, फौलाद तू है दुनिया ये, अंश-विष्णु; विष्णु इसका, रखवाला तू जो कोसे, तो तू रावण, जो पूजे तो, प्रहलाद तू इंसान से, इंसानियत है; है इंसान से, हैवानियत तू जो चाहे, तो तू ब्राह्मण; जो चाहे तो, जल्लाद तू