ये आसमानो के परिंदें है, जमीं के नहीं होते, ठौड़ ठिकाना नही इनका ये कहीं के नहीं होते, मौसम बदलने से पहले महबूब बदल देते हैं, ये जो सबके हो जाते है वो किसी के नही होते। सुख को दुख को सहते सहते एक तजुर्बा आया हमें, लाल सुर्ख आंखों में आंसु खुशी के नहीं होते। बच के रहना फुलो से,कांटे इनके चुभ जाते हैं, शहर के सारे लाल गुलाब दिल्लगी के नहीं होते। वो हस के तुमको देखती है या देख के तुमको हसती है, फरक समझना,सारे इशारे आशिकी के नहीं होते। ✍️ प्रतिहार।। #इश्क #अधुरीकहानी #मुहब्बत #मेरेअल्फाज्