खुशी नहीं हमें अब ग़म चाहिए। ठंडा बहुत हैं हमें ऱम चाहिए। ©आशीष रॉय 🇮🇳 खुशी नहीं हमें अब ग़म चाहिए। ठंडा बहुत हैं हमें ऱम चाहिए।