चेहरे पर यह मुखोटे क्यों हैं रावण राम बने फिरता हैं इंसान हैवानियत बने फिरते हैं चेहरे पर चेहरा लगाकर घूमते हैं क्या यह अजीब मुखोटा हैं जानवर इंसान बने फिरते हैं लोग जरूरत से ज्यादा होशियार बने फिरते हैं धर्म के नाम पर एक दूसरे के दुश्मन बने फिरते हैं यहां इंसान जात पात पर ऊंच-नीच के नाम पर मुखौटा लगाते देखा हैं, मैंने ना जाने कितने किरादार निभा बैठे हैं, यह इंसान एक दूसरे से दुश्मनी कर बैठे हैं हर चेहरे पर दोस्ती का मुखौटा लगा बैठे हैं, यह इंसान और वही पीठ पीछे बुराई कर बैठे हैं हर इंसान अपनी पहचान भुला बैठे हैं........।। ***************** कलम के लफ़्ज़ ***************** ©Neha Gupta #मुखोटे #इंसानियत_खो_गयी_अब_लोगों_में #इंसानियत_खतम कलम के लफ़्ज़ कोई #Nojotoapp #pottery #poems हर चेहरे पर मुखोटे हैं ये ना जाने कहां हंसी खो गई है लोगों की हर इंसान अपनी पहचान भूल गया है अब