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#2 "तेरी ओर " जितनी मेरी देह उसकी देह से उलझती गई

#2
"तेरी ओर "

जितनी मेरी देह
उसकी देह से उलझती गई,
उतनी ही मैं खुद में उलझती चली गई।

अचानक सब साफ नजर आने लगा
वो तुम नहीं कोई और था।

ये रात दिल में यूँ चुभी थी कि ,
कई दिनों तक एक कोने में जा रोई थी।

ना तो तुमको कुछ समझा सकती थी
ना तो खुद को कुछ समझा पा रही थी।

।। #2
तेरी ऒर
#hindi#erotic#poem#sayri#nojoto
#2
"तेरी ओर "

जितनी मेरी देह
उसकी देह से उलझती गई,
उतनी ही मैं खुद में उलझती चली गई।

अचानक सब साफ नजर आने लगा
वो तुम नहीं कोई और था।

ये रात दिल में यूँ चुभी थी कि ,
कई दिनों तक एक कोने में जा रोई थी।

ना तो तुमको कुछ समझा सकती थी
ना तो खुद को कुछ समझा पा रही थी।

।। #2
तेरी ऒर
#hindi#erotic#poem#sayri#nojoto