अक्सर जो नज़र आता है,नज़रिया उसेसे ही बन जाता है, ज़र्रे ज़र्रे में करामात,सूक्ष्म दृष्टि से नज़र आता है, ए दोस्त सही फरमाया आपने, बहकर नज़रिये के प्रवाह में,बिरला कोई संभल जाता है।। #rztask197 #rzलेखकसमूह #restzone #YourQuoteAndMine Collaborating with G.r. Batra