जंग-ऐ-मसावात का आगाज़ वो कर गए अंजाम तक हम ले जाएंगे वादा रहा कि वक्त के मुसाफिरों को मंजिल तक हम पहुंचाएंगे कर दिया दरख़्त में तब्दील तुमने जिन बाग़ीचों को कसम मसावात की उन दरख्तों में फिरसे फूल मुहब्बत के हम खिलाएंगे। #मसावात #मसावात_की_जंग भारत में एक बड़ा तबका आज भी बराबरी के लिए,सच्चाई की ख़ातिर,ईमानदारी के साथ संघर्ष कर रहा है। आजाद युवा देश में जो बराबरी और भाईचारे का ख्वाब बुना गया था उसे पूरा करना अभी बाक़ी है।