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उड़ना जो मैं चाहूं वह पंख काट देते हैं जुड़ना जो

उड़ना जो मैं चाहूं 
वह पंख काट देते हैं
जुड़ना जो मैं चाहूं 
टुकड़ों में बांट देते हैं
 बेङियों में बंधे हुए 
यह हाथ अब कुछ कहते हैं
 पांव पत्थर से बने हैं
 नयन शून्यता में रहते हैं
बोलना जो मैं चाहूं
 निकलती ना आवाज है
लफ्ज़ बिखरे से पढ़े हैं
 खुले ना कुछ राज है
धूल सी उड़ती नींदे है
 डरावनी सी रात है
जलते से है सपने सारे
 कोई ना उनमें साथ है #poemsbynancy #poemholic #instagram #indianpoet #adhooriudaan #truewords #followme #panchi
उड़ना जो मैं चाहूं 
वह पंख काट देते हैं
जुड़ना जो मैं चाहूं 
टुकड़ों में बांट देते हैं
 बेङियों में बंधे हुए 
यह हाथ अब कुछ कहते हैं
 पांव पत्थर से बने हैं
 नयन शून्यता में रहते हैं
बोलना जो मैं चाहूं
 निकलती ना आवाज है
लफ्ज़ बिखरे से पढ़े हैं
 खुले ना कुछ राज है
धूल सी उड़ती नींदे है
 डरावनी सी रात है
जलते से है सपने सारे
 कोई ना उनमें साथ है #poemsbynancy #poemholic #instagram #indianpoet #adhooriudaan #truewords #followme #panchi
nancysharma0431

Nancy Sharma

New Creator