माँ कहती थी, मुस्काने से हर ग़म चला जाता है, माँ का बच्चे से जुड़ा, दिल-धड़कन का नाता है। बिना कुछ कहे ही वो समझती है दिल की बातें, उसकी गोद में मन जहाँ भर का सुकून पाता है। अपनों की ख़ातिर भुला देती है अपनी ख़ुशियाँ, फिर भी उसका बोलना एक दिन कहाँ भाता है। देखकर भी नज़रंदाज़ करते हैं उसकी तकलीफ़, कैसे भूल जाते पल में, वही तो जीवन दाता है। रब पूजते जिसे, उसे इंसाँ कैसे दुत्कारते 'धुन'? ममता का एक-² पल अब बहुत याद आता है। Rest Zone 'मेल-मिलाप' "माँ कहती थी.... ...अब बहुत याद आता है।" #restzone #rztask275 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #feelings #माँ