थोड़ा थोड़ा कर के खुद को समेटा है मैंने मत मिलो की फिर से वापस जाने को कहाँ से लाऊँ इतनी हिम्मत की फिर से समेट लूं खुद को अब मत आओ इन बाहों में फिर से टूट जाने को खुद को गर सम्भाल भी लूंगा यादों को कहा दफना आऊंगा मिलती है तेरी हंसी देखो मेरी बच्ची से कैसे झूठ कह दूं कि तुम्हे भूल जाऊंगा #yqdidi #समेटना #yqquotes