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थोड़ा थोड़ा कर के खुद को समेटा है मैंने मत मिलो की

थोड़ा थोड़ा कर के खुद को 
समेटा है मैंने
मत मिलो की फिर से वापस जाने को
कहाँ से लाऊँ इतनी हिम्मत की फिर से समेट लूं खुद को
अब मत आओ इन बाहों में फिर से टूट जाने को
खुद को गर सम्भाल भी लूंगा 
यादों को कहा  दफना आऊंगा
मिलती है तेरी हंसी देखो मेरी बच्ची से
कैसे झूठ कह दूं कि तुम्हे भूल जाऊंगा 
 #yqdidi #समेटना  #yqquotes
थोड़ा थोड़ा कर के खुद को 
समेटा है मैंने
मत मिलो की फिर से वापस जाने को
कहाँ से लाऊँ इतनी हिम्मत की फिर से समेट लूं खुद को
अब मत आओ इन बाहों में फिर से टूट जाने को
खुद को गर सम्भाल भी लूंगा 
यादों को कहा  दफना आऊंगा
मिलती है तेरी हंसी देखो मेरी बच्ची से
कैसे झूठ कह दूं कि तुम्हे भूल जाऊंगा 
 #yqdidi #समेटना  #yqquotes
raushan4117

Raushan

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