शराबी है बनता शराबी के संग से तो संस्कारी के संग संस्कारी नही क्यों कौन कहता संगत का होता असर है तो पत्थर न बहता बरफ़ संग है क्यों लकड़ी की है नाव चलती नदी मे तो जलधार बन करके बहती नही क्यों बुरी संगतों का बुरा गर असर है तो अग्नि के संग सोना ,सोना हुआ क्यों ये सच है कमल कीचडो मे है खिलता तो कीचड स्वयम वो कमल ना हुआ क्यों दुर्जन के संग साधु होता है दुर्जन तो मलिन धार नालो से गन्गा मिली क्यो विभीषण भी लंका मे रावण के संग था कुसंगत मे रह के वह बिगड़ा नही क्यों कैकेई की महिमा का सब को पता है रही राम संग फ़िर भी सुधरी नही क्यों कलुषित ये मन हो कही भी किसी संग नही ऐसे जीवन का उद्धार होगा करेन्गे करम नित्य उत्तम सदा जो खुदा भी उन्ही के सदा साथ होगा मिले आत्मा जो भी परमात्मा से शरण सदगुरु हो तो उद्धार होगा ©purvarth #illuminate #संगति_का_असर