देश के सर्वोच्च न्यायालय ने कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन करवाने वाली याचिका को खारिज कर बच्चों के भविष्य के हित में निर्णय लिया है जिसको स्कूली शिक्षा जगत में स्वागत योग्य निर्णय माना जा रहा है सुप्रीम कोर्ट का यह कहना है कि इस प्रकार की याचिकाएं बच्चों में झूठी उम्मीद जगाती है भ्रम का वितरण बनाकर छात्रों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी में बाधा बनाती है न्याय संगत है और ऐसा देखा भी जाता है कि बच्चे पढ़ना छोड़ कर गलतफहमी का शिकार हो जाते हैं जबकि महामारी प्रति भी धीरे-धीरे सभी राज्यों द्वारा हटाए जा रहे हैं कुछ राज्यों ने 100% क्षमता के साथ स्कूलों को चलाने की भी अनुमति प्रदान कर दी है ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा करवाने की मांग जायज नहीं ठहराया जा सकता जब बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन करवाई जाती है तब छात्र अधिक गंभीरता से तैयारी करते हैं ©Ek villain #ऑफलाइन परीक्षा का सही निर्णय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा #Nofear