लफ्ज़ भी बयाँ ना कर पाए कैसी ये बेचैनी है कहने को मन में बात नहीं और दिल को जुबाँ से कुछ बातें कहनी हैं । लबों की थकान है या खंजर किसी ने घोपा है उदासी मेरी मेरी फितरत नहीं ये बीज किसी ने रोपा है । चुप हैं कि किसी को गिला ना हो चुप हैं कि कोई ख़फ़ा ना हो । और चुप हैं कि ये मेरी चाहत है और चुप हैं तो दिल में राहत है ।। चुप रहना अपलक निहारते रहना। #चुपहैं #रातकाअफ़साना #रूप #rs_rupendra05 #चुपरहना #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi