#OpenPoetry बहूत दिन होगए तुमनें मुझें छोडे हुए आज बड़े दिनों बाद तुम्हारा Msg आया हैं पर पता नहीं बड़े ख़ुशीसे पड़ता हूँ , लेकिन हाँ लेकिन हाँ, मैं तुमसें नफ़रत करता हूँ... कितने ख़ुश थें हम ना कोई गिला शिक़वा था तेरे मुँह सें शोना-बाबू सुनना बड़ा Miss करता हूँ , लेकिन हाँ लेकिन हाँ, मैं तुमसें नफ़रत करता हूँ... Phone पर छोटी-छोटी बात पर झगड़ा करना मुझें वो तेरी बातें बड़ी अच्छी लगती हैं तूने Call पर अपनी मासुम आवाज़ सें जो I Love You कहाँ था मैं वो Recording हर रोज़ सुनता हूँ , लेकिन हाँ लेकिन हाँ, मैं तुमसें नफ़रत करता हूँ... मैं भुला नहीं वो शाम जो तेरी सारी गलतियाँ हुईं थीं मेरे नाम बेक़सूर भी मैं था औऱ सजा भी मैंने पायीं थीं ग़लती तेरी होकर भी क्यों मैं ख़ुदको कोसता हूँ, लेकिन हाँ लेकिन हाँ, मैं तुमसें नफ़रत करता हूँ... #opnepoetry #OpnePoetey