बालक भाग्य से पर जीवन में सौभाग्य से मिलती है बालिका। खुशनसीबों के घर में ही जन्म लेती इस दुनियां में बालिका। पापा की प्यारी और मम्मी की राजदुलारी होती हैं बालिका। रोशनी से अपनी सारे घर आंगन को जगमगाती है बालिका। अपनी खुशबु से सूने घर - चौबारे को महकाती है बालिका। मां - बाबुल के जीवन का अनमोल गहना होती हैं बालिका। संसार के सारे ही रीति रिवाज खुशी से निभाती हैं बालिका। दिल में छुपा के लाखों गम पर सदा ही मुस्कुराती है बालिका। चाहे गम हो चाहे खुशी हर पल ही साथ निभाती है बालिका। कहने को तो पराया धन होती है पर मान बढ़ाती हैं बालिका। जब ससुराल चली जाती है तो बहुत ही रुलाती हैं बालिका। पास रहें चाहें रहें दूर हरदम अपनी याद दिलाती हैं बालिका। 🍬 #collabwithपंचपोथी 🍬 विषय - #बालिका 🍬 प्रतियोगिता- 8 (मुख्य) 🍬 समय - 24 घंटे तक 🍬 collab करने के बाद comment में done लिखे 🍬 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।