( १-)| दिल जानता है कोई अपना नहीं । फिर भी दिल क्यूँ मानता नहीं । मैं पहचानता हूँ उसको लेकिन , वो मुझे पहचानता नहीं (२)-मैं आजमाता रहा हूँ उसको वो मुझे आजमाता नहीं । मैं बिखरा मोती हूँ कोई सजाता नहीं। मैं गमों में डूब जाता हूँ लेकिन कोई बहलाता नहीं । (३) -फूल गुलाब का हूँ महकना अरमान मेरा । प्रेम कराता हूँ यही है काम मेरा । टूटे दिलों को जोड़ने में सहायता करता हूँ , फिर क्यों नहीं है एहसान मेरा। प्रेमी की कविता