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घुमा तेरे शहर में बहुत, फिर भी मैं

घुमा तेरे शहर में बहुत, 
               फिर भी मैं अकेला था।

कुछ कहेना था मुझे 
                    मगर कह नहीं पाया।

पता नहीं क्यों!!!
 तेरा बाप मुझे घुर रहा था।


-आदित्या आनंद (केशव जी) #terasahar #meradil
घुमा तेरे शहर में बहुत, 
               फिर भी मैं अकेला था।

कुछ कहेना था मुझे 
                    मगर कह नहीं पाया।

पता नहीं क्यों!!!
 तेरा बाप मुझे घुर रहा था।


-आदित्या आनंद (केशव जी) #terasahar #meradil