उनकी खुशियों का सूरज बस यूँ ही चमचमाता रहे कदमों में सिर सबका बस यूँ ही झुक जाता रहे व्यंग पे तमाशा सरेआम जो बस यूँ ही लगाता रहे आलोचकों के मुंह को जो बस यूँ ही सिल जाता रहे मेरे भाई, समीक्षक और हमराज़ भी हैं जो मेरे गोलू भईया का परचम हमेशा यूँ ही लहराता रहे जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ उस इंसान को जिसनें जनम का रिश्ता ना होते हुए भी मानने वाले रिश्ते को निभाया... गोलू भईया आपका अंदाज़ और आपका यूँ ही हर बात को बेबाकी से कह जाना ही लोगों को चुभ सी जाती है...ख़ैर आज हमें कुछ ज्ञान नही देना है वो तो already आपके पास भरा हुआ है...😂😂😂 और जो आपका भाई वाला सम्बोधन है ना भईया उसे बहुत ज़यादा ही मिस करते हैं 😑 जल्दी से आओ और करम फरमाओ😎😎 और बुढ़ापे को दूर भगायें हीरो जैसी शक़्ल चमकायें 🤣😂😎😎😎😎😎😎😎